पीरियाडिक टेबलका विषयसूची
आज हम आप लोगों को बहुत महत्वपूर्ण Question बताने जा रहे हैं जैसे कि मॉडर्न पीरियाडिक टेबल क्या है? इस मॉडर्न पीरियाडिक टेबल की विशेषताएं क्या है? आधुनिक या वर्तमान पीरियाडिक टेबलके गुणों की व्याख्या किया गया है। पीरियाडिक टेबलसे होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए आदि। इन प्रश्नों को आप ध्यान से पढ़े ताकि परीक्षा में यदि यह प्रश्न पूछे गया तो इनका उत्तर अच्छी प्रकार से कर पाये। आपलोग यहां से मॉडर्न पीरियाडिक टेबल PDF Download कर सकते हैं।
मेंडलीफ का पीरियाडिक टेबल
मॉडर्न पीरियाडिक टेबलक्या है?
यह एक ऐसी सारणी है जिसमें तत्वों को उनके परमाणु संख्या के आधार पर व्यवस्थित किया गया है। मॉडर्न पीरियाडिक टेबल का नियम यह है कि किसी तत्व की विशेषताएं उसके परमाणु संख्या की आवर्ती फलन होती हैं। इसी नियम को आधार मानकर यह पीरियाडिक टेबलतैयार किया गया है। अब आपके मन में आता होगा कि मॉडर्न पीरियाडिक टेबलकी खोज किसने की तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की इसकी खोज वैज्ञानिक हेनरी मोसले को इस मॉडर्न पीरियाडिक टेबल का जनक कहा जाता है।
इस सारणी के नियम अनुसार यह पाया गया कि यदि तत्वों के परमाणु संख्या के बढ़ते हुए क्रम में एक व्यवस्थित तरीके से सारणी व्यवस्थित किया जाए तो एक निश्चित अंतराल के बाद पिछले तत्व के गुणों को प्रदर्शित करने वाले तत्व आता है। यही बात तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर भी लागू होती है। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में समानता होने के कारण रसायनिक गुण भी लगभग समान हो जाते है|
मॉडर्न पीरियाडिक टेबल की अच्छाई
चलिए अब हम आपको इसकी विशेषताएं बताने जा रहे हैं जो की परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। पीरियाडिक टेबलके गुण इस प्रकार है –
- मॉडर्न पीरियाडिक टेबल को समझाना आसान काम है क्योकिं मॉडर्न पीरियाडिक टेबल तत्तों को समूह और आवर्त में व्यस्थित किया गया है|
- सर्वप्रथम इस Periodic table का गुण यह है कि मॉडर्न पीरियाडिक टेबल में परमाणु संख्या के बढते क्रम के आधार पर बनाया गया है। परमाणु संख्या तत्वों का मौलिक गुण होता है। परमाणु संख्या के आधार पर ही तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निश्चित किया गया है। किसी तत्व में परमाणु संख्या उस परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को बराबर होता है।
- मॉडर्न पीरियाडिक टेबलमें तत्वों को 4 blocks में विभाजित किया गया है। चार ब्लॉक इस प्रकार के है जैसे s ब्लॉक, p ब्लॉक, d ब्लॉक तथा f ब्लॉक हैं। प्रत्येक ब्लॉक के तत्वों को एक विशेष नाम से जाना जाता है।
s-ब्लॉक
- तत्व जिसमें अंतिम इलेक्ट्रान S-उपकक्षा में प्रवेश करता है,s-ब्लॉक वाले तत्व कहलाते है|
- s-ब्लॉक में दो समूह होते है |
- s-ब्लॉक का सामान्य इलेक्ट्रॉनिकविन्यास ns1-2 होता है|
- s-ब्लॉक में दो समूह है समूह संख्या-1 को क्षारीय धातु तथा समूह संख्या-2 को क्षारीय मृदा धातु के नाम से जानते है|
P-ब्लॉक
- तत्व जिसमें अंतिम इलेक्ट्रान p-उपकक्षा में प्रवेश करता है,p-ब्लॉक वाले तत्व कहलाते है|
- p-ब्लॉक में 6 समूह होते है |
- p-ब्लॉक का सामान्य इलेक्ट्रॉनिकविन्यास ns2 np1-6 होता है|
d-ब्लॉक
- तत्व जिसमें अंतिम इलेक्ट्रान d-उपकक्षा में प्रवेश करता है,d-ब्लॉक वाले तत्व कहलाते है|
- d-ब्लॉक में 10 समूह होते है |
- d-ब्लॉक का सामान्य इलेक्ट्रॉनिकविन्यास ns2 (n-1)d0-10 होता है|
- d-block सभी तत्व धातु है|
f-ब्लॉक
- तत्व जिसमें अंतिम इलेक्ट्रान f-उपकक्षा में प्रवेश करता है,f-ब्लॉक वाले तत्व कहलाते है|
- इस पीरियाडिक टेबलको दीर्घाकार पीरियाडिक टेबलभी कहा जाता है। आपको पता है मॉडर्न पीरियाडिक टेबल में, अट्ठारह(18) group (समूह) अर्थात वर्ग और 7 आवर्त जिन्हें Period कहा जाता हैं।
पीरियाडिक टेबल में तत्वों के गुणधर्म के आवर्ती फलन होने का कारण स्पष्ट समझाया गया है जो कि तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से जुड़ा है। यहां कहने का मतलब यह है कि तत्वों के गुणधर्म अंतराल पर दोहराए गये हैं क्योंकि उनके लिए इलेक्ट्रॉनिक विन्यास भी निश्चित समय अंतराल पर दोहराए जाते हैं। - किसी एक समूह के सभी तत्व एक सामान गुण को प्रदर्शित करते हैं जबकि अलग-अलग समूह के तत्व अलग-अलग प्रकार के गुण(Properties) प्रदर्शित करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक समान इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic Configuration) वाले तत्व को एक ही समूह के अंदर रखा गया है, जिसमें कि वह समान गुण को प्रदर्शित करते हैं।
- मॉडर्न पीरियाडिक टेबलमें तत्वों को अच्छे तरीके से व्यवस्थित किया गया है। क्योकि इनमें कोई भी दोष देखने को नहीं मिलती है।
मॉडर्न पीरियाडिक टेबल से होने वाले लाभ
अभी तक हमनें पीरियाडिक टेबल के गुणों के बारे में जाना था अब हमें इससे होने वाले लाभ की व्याख्या करेंगे। पीरियाडिक टेबल(Periodic table) के लाभ निम्न प्रकार है
- पीरियाडिक टेबल के सहायता से तत्वों के वर्गीकरण और उनके गुणों व विशेषताएं जानने में बहुत सहायता मिलती है।
- लैंथेनाइड और एक्टिनाइड तत्वों को पीरियाडिक टेबल में नीचे स्थान दिया गया है क्योंकि इनके गुण अन्य तत्वों की अपेक्षा अलग अलग है, जिसे हम इनके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर पाते हैं।
- मॉडर्न पीरियाडिक टेबल के सहयता से रसायन विज्ञान में तत्वों का अध्ययन आसान हो गया है और उन्हें याद रखना भी काफी आसान प्रतीत होता है। मॉडर्न पीरियाडिक टेबल में बने हुए वर्गों में तत्वों को रखा गया है प्रत्येक वर्ग कुछ विशेष प्रकार के गुणों को रखता है। जिससे कि उस वर्ग में रखे लगभग सभी तत्व वही गुण प्रदर्शित करते हैं।
- यदि आपको पीरियाडिक टेबल में कैसे तत्व की स्थिति ज्ञात है तो आप उसके द्वारा बनाया जाने वाले यौगिको की कल्पना आसानी से कर सकते हैं। आइए इसे एक उदहारण से समझते हैं मान लीजिए कोई तत्व पीरियाडिक टेबलतालिका के बाई ओर रखा गया है तो हमें यह स्पष्ट हो जाता है कि यह अवश्य धातु होगा अतः यह केवल आयनिक यौगिक (Ionic Compound) बनाएगा। यदि यह तत्व दाई ओर रखा होगा तो यह अधातु होगा और यह आयनिक और उप-सहसंयोजक योगिक दोनों प्रकार के बनाएगा।
मॉडर्न पीरियाडिक टेबल का फोटो
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मॉडर्न पीरियाडिक टेबलसे सम्बंधित प्रशन,FAQ.
Q पीरियाडिक टेबल में कितने ब्लॉक है?
उत्तर- चार
Q पीरियाडिक टेबल में आवर्तों की संख्या है?
उत्तर-7
Q पीरियाडिक टेबल में कुल समूहों की संख्या है?
उत्तर-18
Q पीरियाडिक टेबल में d-ब्लॉक को कहा जाता है?
उत्तर-संक्रमण तत्व
Q P-ब्लॉक में कितने समूह है?
उत्तर-6
Q d-ब्लॉक में कितने समूह है?
उत्तर-10
Q s-ब्लॉक में कितने समूह है?
उत्तर-2
Q s-ब्लॉक का सामान्य इलेक्ट्रॉनिकविन्यास होता है?
उत्तर- ns1-2
Q p-ब्लॉक का सामान्य इलेक्ट्रॉनिकविन्यास होता है?
उत्तर-
Q d-ब्लॉक का सामान्य इलेक्ट्रॉनिकविन्यास होता है?
उत्तर-ns2 (n-1)d0-10
निष्कर्ष
मित्रों आज हमने मॉडर्न पीरियाडिक टेबल के बारे में बहुत विस्तार से चर्चा कीया उम्मीद करते हैं। अपने Modern Periodic Table से जुड़े बहुत सारे प्रश्नों के बारे में जाना जैसे की मॉडर्न पीरियाडिक टेबल की विशेषताएं, मॉडर्न पीरियाडिक टेबल में कितने समूह तथा आवर्त की संख्या होते हैं, मॉडर्न पीरियाडिक टेबलकी खोज किसने किया। आप यह लेख अपने दोस्तों में भी शेयर कर सकते हैं ताकि उनको भी यह जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाए।