Hello नमस्कार मेरे प्यारे साथियों स्वागत है आपका हमारे https://safalatakadastak.com की इस लाजब वेबसाइट पर। आज हम आपको सांद्रता का एक बहुत महत्वपूर्ण शब्द मोलरता या मोलर सांद्रण किसे कहते हैं इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। रसायन विज्ञान के पाठ्यक्रम में घोल यानि घोल नामक chapter में सांद्रता के विभिन्न प्रकारों के बारे में बताया गया है जिसमें से मोलरता एक बहुत मुख्य भाग है। अतः इसे जानना आपके लिए बहुत आवश्यक है।
मोलरता की परिभाषा | सूत्र | प्रशन | उदाहरण
विषयसूची
आज हम जिन महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में बताने जा रहे है वे कुछ इस प्रकार है की मोलरता किसे कहते हैं (मोलर सांद्रण किसे कहते है), मोलरता से क्या समझते हैं, शुद्ध जल की मोलरता कितना होता है, मोलरता और मोललता में अंतर क्या है, मोलरता का सूत्र क्या होता है। यह कुछ ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न है जो बार-बार परीक्षा में पूछे जाते हैं, इस Article को पढ़ने के बाद आप कोई अच्छे से समझ में आ जायेंगा की मोलरता कितना महत्वपूर्ण है. अतः इन्हें आप अच्छे से याद कर लें और हमारे इस Article का लाभ उठाएं। तो चलिए बिना कोई देरी किये शुरू करते हैं हम अपना आज का आर्टिकल मोलरता किसे कहते हैं।
मोलरता क्या है? (What is molarity )
किसी घोल के 1000ml या एक लीटर में उपस्थित विलेय की मोलों की संख्या उस घोल की मोलारता कहलाता है| या किसी दिए गए घोल की मोलरता को प्रति लीटर घोल में विलेय के मोल की कुल संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। किसी घोल की मोललता प्रणाली के भौतिक गुणों में परिवर्तन पर निर्भर करती है जैसे दाब और तापमान के विपरीत द्रव्यमान के रूप में, प्रणाली की मात्रा प्रणाली की भौतिक स्थितियों में परिवर्तन के साथ बदलती है। Molarity को M द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, मोलरता को मोलर सांद्रण भी कहा जाता है। एक मोलर एक घोल की मोलरता है जहां 1लीटर घोल में एक ग्राम विलेय (Solute) घोला जाता है। जैसा कि हम जानते हैं, एक घोल में, विलायक और विलेय मिलकर एक घोल बनाते हैं, इसलिए, घोल का कुल आयतन लिया जाता है। मोलरता की इकाई (mol/L) मोल पर लीटर होता है।
मोलरता का सूत्र
इसका मान ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है। अर्थात मोलरता का सूत्र निम्नलिखित है-
मोलरता (M) = विलेय पदार्थ की मोलों में संख्या (n) / घोल का आयतन V ( लीटर में )
चूँकि विलेय पदार्थ के मोल (mol) = विलेय का gram में भार / अणुभार (Molecular Weight)
इसलिए मोलरता (M) = विलेय का भार(gm में) / (अणुभार x घोल का आयतन (लीटर में )
इसे संक्षेप में इस प्रकार भी लिखा जा सकता हैं –
M=n/v
M का मतलब उस घोल की मोलरता से है।
n का मतलब विलय के मोलों की संख्या से है।
V का मतलब आयतन से है जो कि लीटर में रखा जाता है।
सान्द्रता से क्या समझाते है?
आपने सान्द्रता के बारे में रसायन विज्ञान में जरूर पढ़ा होगा। सांद्रता को अंग्रेजी में Concentration कहा जाता है। सांद्रता का मतलब उस संख्या से होता है जो एक लीटर आयतन में विलेय की मात्रा को प्रदर्शित करती है। सांद्रता को कई प्रकार से व्यक्त किया जाता है जैसे कि इसे मोलरता के माध्यम से प्रदर्शित किया जा सकता है molarity के माध्यम से दिखाया जा सकता है।
तनु तथा सान्द्र घोल का क्या मतलब है?
वैसे विलयन को तनु (Dilute) विलेय कहा जाता है जिस विलयन में विलेय की मात्रा बहुत कम होती है तथा विलायक की मात्रा अधिक में होता है। तनु विलियन को पतला घोल भी कहते हैं। यदि बात की जाए सांद्र घोल की तो इस प्रकार की विलयन में विलेय की मात्रा बहुत अधिक होती है और यह गद्दा होता है। जिस कारण इसे सांद्र विलयन कहा जाता है।
बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q: 4 ग्राम NaOH विलयन के 500ml में घुले है|मोलरता क्या होगा?
उत्तर- NaOH का अणुभार =40 होता है |
मोलरता (M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x घोल का आयतन (लीटर में )
M= 4 x 1000 /40 x 500
M=0.2 mole per litre
Q: यदि 10 % w/w 100 gram जलीय H2SO4 का घनत्व 1.84 ग्राम प्रति मिली है तो H2SO4 की मोललता ज्ञात करो , H2SO4 का मोलर द्र॒व्यमान 98 है।
उत्तर: 10% w/w 100 ग्राम जलीय घोल में उपस्थित है।
10 ग्राम H2SO4 और 90 ग्राम जल मिलकर 100 ग्राम घोल का निर्माण करते है।
मोललता = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (किलोग्राम में)
m=10/ 98×90 / 1000
मोललता = 1.13 mole per kg
अतः उपरोक्त घोल की मोललता का मान 1.13 है।
Q: 10% w/v जलीय घोल H2SO4 का घनत्व 1.89 ग्राम प्रति ml है तो H2SO4 की मोलरता ज्ञात कीजिये।
उत्तर: मोलरता (M) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x घोल का आयतन (लीटर में )
M = 10 / 98 x 100/1000
M = 1.02
अतः उपरोक्त घोल की मोलरता का मान 1.02है।
Q : 4 ग्राम NaOH (Sodium Hydroxide) 500 ग्राम जल में घुला है , तो मोललता (Molality) ज्ञात कीजिये।
उत्तर: मोललता (m) = विलेय का ग्राम में भार / अणुभार x विलायक का भार (in kg)
m= 4 / 40 x 500/1000
m= 1/5 = 0.2 mole per kg
अतः उपरोक्त घोल की मोललता का मान है।
Q: मोलरता और मोललता में क्या अंतर होता है?
उत्तर: मोलारता एक घोल के विलेय के मोलो का एक घोल के कुल लीटर का अनुपात है। विलयन में विलेय और विलायक दोनों शामिल हैं। दूसरी ओर, मोललता, विलेय के मोल्स का विलायक के किलोग्राम से अनुपात है।
Q : मोलरता का मात्रक या यूनिट क्या होता है?
उत्तर: इसे मोल प्रति लीटर में व्यक्त किया जाता है अर्थात मोल प्रति लीटर (Mol/Litre) ही इसकी यूनिट है।
Q : मोललता का का मान तापमान के घटना बढ़ने पर नियत क्यों रहता है?
उत्तर: ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मोललता (Molality)में विलायक का द्रव्यमान लिया जाता है और द्रव्यमान ताप पर निर्भर नहीं करता है। इसलिए मोललता भी ताप पर निर्भर नहीं करती है और इसका मान नियत रहता है।
Q : शुद्ध जल की मोलरता कितनी है?
उत्तर: शुद्ध जल की मोलरता का मान 55.5 मोल पर लीटर होता है।
Q: 12.6 ग्राम C2H2O2.2H2O क्रिस्टलीय ऑक्सैलिक अम्ल 500 ग्राम जलीय विलयन में उपस्थित है तो मोलरता ज्ञात करें ।
Ans: M = 12.6 / 126 x 500/1000
M = 12.6/126 x 1/2
M = 2/10
= 0.2 M
निष्कर्ष
तो दोस्तों आज आपने बहुत महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में बताया और आपने जाना की मोलरता क्या किसे कहते हैं? तनु और सांद्र घोल के बारे में भी आपने संक्षेप में जाना। हमें पूर्ण आशा करते हैं कि यह लेख मोलर सांद्रण पर है हम उम्मीद करते है की आपको बहुत पसंद आया होगा यदि आपको इस लेख से कुछ जानकारी प्राप्त हुआ होगा तो आप इसे अपने दोस्तों में भी शेयर कर सकते हैं। हम अपनी इस वेबसाइट पर प्रतिदिन एक केमिस्ट्री का article लेकर आते हैं। जल्द ही मिलेंगे आपको एक नया article के साथ। जय हिन्द मेरे प्यारें सथिओं आपना दिन मंगलमय हो|